What is ulip investment | what is ulip plans in india | what is ulip investment plan

भौतिक परिसंपत्तियों ( सोना और रियल एस्टेट ) से कम । रिटर्न मिलने और बैंक की गिरती जमा दरों के चलते , पिछले कुछ वर्षों में भारत में बचत की प्रवृत्ति  में भारी बदलाव आया है । । हालांकि , पिछले कुछ सालों में इक्विटी परिसंपत्ति ने जबरदस्त रिटर्न दिया है और इक्विटी - आधारित निवेश उत्पादों में रिकॉर्ड निवेश हुआ है । सरकार के कदमों से देश की आर्थिक विकास एवं कारपोरेट आय वृद्धि के तेज होने का अनुमान है और यह इक्विटी के लिए अच्छे संकेत हैं ।

यूलिप के अधिकतम चार्ज को न केवल वर्ष - दर - वर्ष आधार पर नियंत्रित किया गया है , बल्कि 10 वर्षों की पॉलिसी अवधि के लिए एक वर्ष का संयुक्त चार्ज 2 . 25 फीसदी से अधिक हो ही नहीं सकता है । आधुनिक यूलिप में इन्हें पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है ।



प्रबंधन शुल्क (Management Fee)

एफएमसी अब 1 . 35 फीसदी से अधिक नहीं होगा । कुछ इक्विटी आधारित यूलिप का एफएमसी 1 . 25 फीसदी है , अनेक डेब्ट - आधारित यूलिप के चार्ज न्यूनतम 0 . 95 फीसदी है । यदि कोई ग्राहक यूलिप को सरेंडर करने का निर्णय लेता है , तो कोई भी चार्ज नहीं लगेगा , बशर्ते पॉलिसी के पांच वर्ष पूरे हो चुके हों ।

ऑनलाइन उपलब्धता (Online Availability)


जीवन बीमा कंपनियां अपने उत्पादों को वहां उपलब्ध करा रही । हैं , जहां से आधुनिक दौर के निवेशकों को उन्हें खरीदने में सुविधा होती है । ऑनलाइन कैल्कुलेटर्स से ग्राहकों को उनकी निवेश आवश्यकताओं को समझने में मदद मिलती है । 



लॉक - इन अवधि (Lock-in Period):


 युलिप की पांच वर्षों को अनिवार्य लॉक - इन अवधि वित्तीय अनुशासन लाती है । वहीं , यह स्वतः ही ग्राहकों को दीर्घकालिक बाजार गतिविधि का लाभ उठाने में मदद करता है । शानदार ट्रैक रिकॉर्ड बड़ी पूंजी वाले इक्विटी यूलिप का औसत रिटर्न 15 % सीएजीआर रहा । मझोली व छोटी पूंजी वाले यूलिप ने 24 % रिटर्न दिया है । 



कर लाभ (Tax Profit): 


यूलिप आयकर कानून की धारा 10 - 10डी और धारा 80सी के तहत करमुक्त है । चूंकि यह दीर्घकालिक निवेश है , इसे ध्यान में रखते हुए , नई कर संरचना लाई जाने के बाद से वे और अधिक आकर्षक हो चुकी हैं ।


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