Diwali 2018 Pooja Ka Shubh Muhurat ,Mantra, Pooja Vidhi

Deepawali Laxmi Pujan Vidhi Muhurat 2018'-
      
दीपावली पूजन विधि-हिन्दू धर्म के त्योहारों में दीपावली का बड़ा महत्व है, जिन्हें कार्तिक महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है. वर्ष 2018 में यह पर्व ७ नवम्बर को आ रहा है. ज्योतिषियों के अनुसार लगभग 27 साल बाद दिवाली पर गजब का संयोग बन रहा है. इस बार दिवाली पूजा सुबह 7;18 मिनट से शुरू होगा जो अगले 24 घंटो तक विद्यमान रहेगा. १९९० में चित्रा नक्षत्र में दिवाली आई थी, इस बार भी ऐसा ही है, ज्योतिषियों की माने तो इस मुहूर्त में लक्ष्मी गणेश पूजा विशेष कर व्यापारी वर्ग के लिए लाभदायक है.

Deepawali Laxmi Pujan Vidhi Muhurat 2018 In Hindi:-



Diwali Pooja Ka Muhurat /Laxmi Pooja Muhrat Time :-
जैसा कि आप सभी जानते है दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का बड़ा महत्व होता है. व्यापार में तरक्की तथा घर में सुख सम्रद्धि के लिए महालक्ष्मी जी की पूर्ण विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है. इसमे यदि Pooja Ka Muhurat & Time को देखकर पूजा विधि से उपासना की जाए तो वह अधिक फलदायी होती है. यहाँ पर आपकों दीपावली तथा धनतेरस दोनों पर्वो के शुभ मुहूर्त और समय के बारे में जानकारी दी जा रही है. जिनकी पालना करके ही Diwali Poojaकरे जिससे लक्ष्मी प्रसन्न हो तथा अपनी दया द्रष्टि सदा आप पर बनी रहे.
दीपावली पूजन विशेष मुहूर्त :


             

प्रदोष समय-
 संध्या 5.50 से 7.02 बजे तक  प्रातः 6.32

 से 9.22 बजे तक लाभ-अमृत 

 प्रातः 10.47 से 12.12 बजे तक शुभ 

 अपराह्न 3.02 से 5.05 बजे तक चंचल, लाभ

  रात्रि 7.25 से 12.10 बजे तक शुभ, अमृत, चंचल  

रात्रि 3.20 से 4 .55 बजे तक लाभ  

 स्थिर वृषभ लग्न  रात्रि 7.08 से 9.07 बजे तक  

सिंह स्थिर लग्न -रात्रि 1.35 से 3.47 बजे तक।


1. Lakshmi लक्ष्मी मंत्र : 


  ॐ आं ह्रीं क्रौं श्री श्रिये नम: ममा 

लक्ष्मी  नाश्य-नाश्य मामृणोत्तीर्ण कुरु-

कुरु सम्पदं वर्धय-वर्धय स्वाहा:।


2. Lakshmi Vinayaka Mantra (लक्ष्मी विनायक मन्त्र):-


 ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद 

सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥


3. Lakshmi GaneshaDhyana Mantra  (लक्ष्मी गणेश ध्यान मन्त्र) :-


दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं 

स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्। 

 धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी

 गणेशं कनकाभमीडे॥ 

4. Rinharta Ganapati Mantra (ऋणहर्ता गणपति मन्त्र) :-


ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्॥

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