धनतेरस का मुहूर्त ,दिनांक ,धनतेरस की पूजा विधि , पूजा मंत्र l Date Of Dhanteras ,Muhurat,Pooja Vidhi, Mantra
धनतेरस का महत्व : -
धनतेरस के दिन देव धन्वंतरि, कुबेर देव, माँ लक्ष्मी के पूजन का विधान है, माना जाता है इस दिन इन देवी-देवताओं का पूजन करने से मनुष्य को जीवन भर समृद्धि आती है। धनतेरस के दिन यमदेव के पूजन की भी परंपरा है जिसके मुताबिक इस दिन दीपदान किया जाता है।
यह दीपदान यमदेव के लिए किया जाता है। इस परंपरा में घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर शुद्ध सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है। बहुत से लोग इस दीपक में पैसा व् कौड़ी भी डाल देते है। माना जाता है इस दीपक को जलाने से परिवार के सदस्यों पर अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता और ना ही परिवार के किसी सदस्य पर दुःख रहता है।
धनतेरस दिनांक (Dhanteras Date)-
साल 2018 में धनतेरस का त्यौहार दिनांक 05 नवंबर को मनाया जाएगा।
लक्ष्मी-कुबेर पूजा मुहूर्त (Dhanteras Puja Muhurat):-
शाम 06:05 से लेकर रात्रि 08:02
प्रदोष काल मुहूर्त: -
धनतेरस की पूजा विधि : -
– सबसे पहले मिट्टी का हाथी और धन्वंतरि भगवानजी की फोटो स्थापित करें.
– चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें.
– भगवान गणेश का ध्यान और पूजन करें.
– हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें.
– सबसे पहले मिट्टी का हाथी और धन्वंतरि भगवानजी की फोटो स्थापित करें.
– चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें.
– भगवान गणेश का ध्यान और पूजन करें.
– हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें.
पूजा के समय इस मंत्र का करें जप :-
देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान, दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः
पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो, धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः
ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि…
देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान, दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः
पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो, धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः
ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि…
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